PROVE YOURSELF : Album
#1 : Aage Badhna Hai Song
[ DEVIL AARYA ]
Download In High Quality
Lyrics :
कुछ करना है । मुझे भी कुछ करना है
Lyrics - DEVIL AARYA ( Gaurav Pandey )
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
आगे बढ़ना है है
मुझे भी आगे बढ़ना है
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
अब लड़ना है
मुझे भी आगे बढ़ना है
सपने जो था देखा
सब चूर हो गया था
हारने के लिए
मैं मजबूर हो गया था
धुंधली सी
दिखने लगी थी
मेरी मंजिल...
भागने के लिये
मैं मजबूर हो गया था..
कैसे कैसे
अपने
संजोये थे
वो सपने
आज वो
अंधेरों में
खोता दिख रहा था
ना बची थी मुझमें
अब कोई अभीअसायें
खुद को खुद में ढूंढता
खुद में खो रहा था
दिन ढल रहा था
मौत आने के लिए
बस बैठे बैठे
दिन गिन रहा था...
जो जल रही थी आग
कुछ कर दिखाने की दिल में
आज वो भी बुझता
हुआ दिख रहा था....
मन थक रहा था
मैं सबसे बड़ा
दुनिया का
आलशी
बन रहा था....
सोचता था जल्दी से
आ जाये
मौत मेरे पास
बस यही खुदा से
मैं अर्ज कर रहा था..
न उठ रही थी कोई
विचार मेरे मन में
अब मैं खुद में ही
खोता दिख रहा था...
ढूंढ़ने लगा क्यों
हुआ था
मैं असफल..
क्या कमी थी मुझमें..
नही आज हूँ सफल..
क्या हुआ था
आखिर क्यों
सपना चूर हो गया था
हारने के लिए
मैं मजबूर हो गया था
मिल गया मुझे
वो हर एक reason
जो सपने पूरे होने से
मैं दूर हो गया था...
जल उठी अब
आग सीने में..
भर उठी अब
हुंकार सीने में...
करने लगी अब
ललकार सीने में ...
क्योंकि उठ चुकी थी
नई ..
विचार सीने में...
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
आगे बढ़ना है है
मुझे भी आगे बढ़ना है
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
अब लड़ना है
मुझे भी आगे बढ़ना है
न रुकूँगा ..
अब मैं
ना झुकूंगा..
बस मैं
आगे बढ़ता रहूंगा
जो थे सपने देखे
अब
पूरा करके रहूंगा..
क्योंकि....
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
आगे बढ़ना है है
मुझे भी आगे बढ़ना है....
कुछ करना है
मुझे भी कुछ करना है
आगे बढ़ना है
मुझे भी आगे बढ़ना है
🎧🎧🎧🎧🎧
In English
🎶🎶🎶🎶
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Aage badhna hai
muje bhi aage badhna hai
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Ab ladhna hai
muje bhi aage badhna hai
Spne jo tha dekha sb choor ho gya tha
Harne ke liye main majboor ho gya tha
Dhundhli si dikhne lgi thi meri manjil
Bagne ke liye main majboor ho gya tha
Kaise kaise apne sanjoye the vo sapne
Aj vo andheron mein khota dikh rha tha
Na bachi thi mujh mein ab koi asayen
Khud ko khud mein dhundhta
khud mein kho rha tha
Na uth rhi thi koi vichar mere mn mein
Ab main khud mein hi khota dikh rha tha
Dhundhne lga kyon hua tha main asfal
Kya kmi thi mujh mein nhi aj hun safal
Kya hua tha akhir kyon spna choor ho gya tha
Harne ke liye main majboor ho gya tha
Mil gya mujhe vo har ek reason
Jo spne poore hone se main door ho gya tha
Jal uthi ab aag sine mein
Bhr uthi ab hunkar sine mein
Karne lgi ab lalkar sine mein
Kyonki uth chuki thi nhi vichar sine mein
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Aage badhna hai
muje bhi aage badhna hai
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Ab ladhna hai
muje bhi aage badhna hai
Na rukunga
Ab main
Na jhukunga
Bas main
aage badhta rahunga
Jo the spne dekhe
Ab pura krke rhunga
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Aage badhna hai
muje bhi aage badhna hai
Kuch krna hai
muje bhi kuch krna hai
Ab ladhna hai
muje bhi aage badhna hai
-----: End :-----